चबाने की आदत
छूटने से बच्चों के दांत हो रहे हैं ढेड़े-मेढ़ेचर्म रोग और
ब्लड प्रेशर से प्रभावित पाए गए पुलिस कर्मचारी
रायपुर 4 दिसंबर 2022/ अमलीडीह पुलिस आवासीय कालोनी में आज छत्तीसगढ़ सिक्ख
ऑफिसर्स वेलफेयर एसोसियेशन व्दारा आयोजित चिकित्सा शिविर में लगभग 250 मरीजों का
परीक्षण किया गया। इसमें पुलिस कर्मी चर्म रोग और ब्लड प्रेशर से पीडित मिले।
बच्चों में खांसी, सरदी, अस्थमा और महिलाओं हड्ड़ी रोग और
कमर दर्द से पीडित पाई गई। बच्चों में ढेडे-मेढ़े दांत आने की समस्या भी देखी गई। इस
अवसर एएसजी आई हॉस्पिटल, श्री श्रेयन आयुर्वेद व आयुर्वेद पंचकर्म चिकित्सालय की
डॉ. पल्लवी क्षीरसागर और डॉक्टर मोनिका शर्मा महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. चेतना रामानी
ने मरीजों का पूर्ण सेवा भाव के साथ उनका परीक्षण कर उन्हें निदान के लिए सुझाव व
दवाईयां दी। इस मौके पर राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह बाबरा,
देवेन्द्र टंडन और पार्षद नानू ठाकुर भी उपस्थित थे।
एसोसियेशन के संयोजक जी.एस.
बॉम्बरा ने बताया कि कैंप में विशेषज्ञ डाक्टरों के अलावा आराधना डायग्नोस्टिक
सेन्टर व्दारा निःशुल्क पैथालाजी जांच में मधुमेह व ईसीजी की जांच की गई। मरीजों
को निःशुल्क दवाईयां भी दी गई। मेडिकल कैम्प में आए बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पवन जैन
ने बताया कि इन दिनों एलर्जी एक उभरता हुआ पैटर्न है। बच्चे सर्दी खांसी और एलर्जी
का शिकार हो रहे है। कई बच्चों को लंबे समय की सर्दी खांसी का परीक्षण करने पर
पाया गया कि उन्हें अस्थमा है। डॉ. जैन के अनुसार जब संक्रामक रोग से छुटकारा मिलता
है तो एलर्जी और मोटापा बढ़ने लगता है। ऐसे में बच्चों में सर्दी खांसी को हल्के
से नहीं लें और उन्हे अच्छे डॉक्टर को दिखाएं।
मेडिकल फिजिशियन रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के डॉ.
मनोज सोनी ने कहा एसोसियेशन के इस कैम्प से कई लोग अपनी उन बीमारियों से परिचित हुए
जो उन्हें नहीं मालूम थी। कैम्प में कई पुलिस कर्मचारियों में चर्म रोग और ब्लड प्रेशर
पाया गया है। कड़ी ड्यूटी के कारण वे अपने स्वास्थ्य का ख्याल नहीं रख पा रहे है। उन्हें
दवाई के अतिरिक्त 7 घंटे की नींद लेने की जरूरत है। इससे तनाव कम होगा। सीता
मेमोरियल मल्टी स्पेशलिटी डेन्टल क्लीनिक के विशेषज्ञ डाक्टर जीतेन्द्र सराफ कैम्प
में अपनी मेडिकल वैन ले कर आए थे। उन्होंने बताया कि चूकि बच्चों में चबा कर खाने
की आदत कम हो रही है इसलिए उनके दांत ढेडे-मेढ़े हो रहे है और जबड़ें की चौड़ाई कम हो रही है।
मेडिकल कैम्प में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ.
वासुदेब सेन ने मरीजों के परीक्षण के बाद यह पाया कि काफी संख्या में महिलाएं अर्थराईटिस
से प्रभावित हो रही है। कम्प्यूटर, लैपटॉप और मोबाईल के कारण लोगों में गर्दन का
दर्द बढ़ा है। उन्होंने कहा कि लोगों को नियमित रुप से व्यायाम करना चाहिए और
सूर्य की रोशनी में रह कर विटामिन-डी लेना चाहिए। मेडिकल कैम्प में कान नाक गला
विशेषज्ञ डॉ. सुरभि चोपड़ा, डॉक्टर ज्ञान प्रकाश धरेवा, डॉक्टर फैज खान, डॉक्टर
मोनिका धरेवा ने अपनी सेवाएं देते हुए मरीजों का परीक्षण किया।
छत्तीसगढ़ सिक्ख ऑफिसर्स वेलफेयर
एसोसियेशन की ओर से संयोजक जी.एस. बॉम्बरा सचिव दीप सिंह जब्बल, आर.एस. आजमानी, ए.एस.
प्लाहा, जगदीश सिंह जब्बल,प्रोफेसर बी.एस. छाबड़ा, बी.एस. सलूजा, डॉ. कुलदीप सिंह
छाबड़ा, एच.एस. धींगरा, अमोलक सिंह, मनजीत सिंह हूरा, सुखबीर सिंह सिंघोत्रा,
भूपिन्दर सिंह, तेजपाल सिंह हंसपाल, श्रीमती रविन्दर कौर बॉम्बरा, श्रीमती पिंकी
जब्बल और श्रीमती हुरा उपस्थित ने मेडिकल कैम्प में अपना सहयोग किया।
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