पंजाबी
लोक संगीत, गिध्दा, बोलियां,टप्पे
और भांगड़ा ने समा बांधा
रायपुर 24 अप्रैल 2022/ "सरबत का भला" के उद्देश्य से
'बैसाखी दी रात'
का यह कार्यक्रम कोरोना महामारी के कारण दो साल बाद मनाया गया। उल्लेखनीय है कि बैसाखी
का त्योहार सिक्खों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविन्द सिंह जी व्दारा सिक्ख धर्म की
स्थापना और फसल कटने की खुशी में पंजाब सहित पूरे विश्व में काफी धूमधाम के साथ मनाया
जाता है। कार्यक्रम में पंजाब नेशनल बैंक के सेवानिवृत अधिकारी और गायक जगपाल सिंह
ने अचिंत बैंड की टीम और महिला गायकों के साथ पंजाबी लोकसंगीत से समा बांध दिया।
कार्यक्रम में पंजाबी बोलियां, टप्पे, गिध्दा और भांगड़ा का उपस्थित सदस्यों ने
काफी लुत्फ उठाया। टोरंटों, कैनेडा निवासी सरबजीत सिंह गरेवाल और सियेटल अमरीका के
निवासी जसबीर सिंह मुद्दर भी बैसाखी की रात में शामिल हुए। इस मौके पर छत्तीसगढ़
सिक्ख ऑफिसर्स एसोसियेशन के सदस्य दीप सिंह जब्बल, ए.एस.प्लाहा, आर.एस.आजमानी,
प्रोफेसर बी.एस. छाबड़ा, बी.एस. सलूजा, अमोलक सिंह, जे.एस. जब्बल, एच.एस. धींगरा,
एल.एस. चावला, टाटा प्रोजेक्ट के रायपुर हेड विक्रम सिंह, कोलंबिया ग्रुप के हरजीत
सिंह हूरा, सुखबीर सिंह सिंघोत्रा,भूपिन्दर सिंह सहित कई अन्य सदस्य व उनका परिवार,जीसीआई रायपुर मेडिको सिटी के डॉ. अर्पण चतुर्मोहता सहित कई डॉक्टर और हॉटल बेबीलान इंटरनेशनल के जीत सिंह खनूजा भी उपस्थित थे।
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