11 June 2023

अच्छा वक्ता बनने लगातार अध्ययन और अभ्यास करें - आर्थर शैरी

छत्तीसगढ़ सिक्ख ऑफिसर्स वेलफेयर एसोसियेशन की पब्लिक स्पीकिंग पर कार्यशाला
जब आप दिल से बोलते हैं तो वह बात लोगों तक पहुंचती है

 रायपुर,11 जून 2023/ कौन सी बात पहले कहना और कौन सी बात बाद में कहना है यही पब्लिक स्पीकिंग है। किन्तु बिना तैयारी के बोलना आसान नहीं है। जब आप दिल से बोलते हैं तो वह बातें लोगों तक पहुंचती है और जब दिल से बोलते हैं तब आप सीखतें भी हैं यह बातें नई दिल्ली से आए देश के जाने माने मॉस्टर स्पीकर आर्थर शैरी आज एक कार्यशाला में कही।

      छत्तीसगढ़ सिक्ख ऑफिसर्स वेलफेयर एसोसियेशन के संयोजक जे.ए. बॉम्बरा ने बताया कि दिल्ली के आर्थर शैरी ने आज होटल एम्ब्रोशिया में एसोसियेशन व्दारा आयोजित पर्सनेलिटी एंड कम्युनिकेशन स्किल डेव्हलेपमेंट वर्कशाप में रायपुर-दुर्ग-भिलाई से विशेष रुप से आमंत्रित छात्रों को भाषण देने की कला अर्थात पब्लिक स्पीकिंग की बारीकियों का प्रशिक्षण दिया। आर्थर शैरी ने छात्र - छात्राओं को बताया कि भाषण कला के शोध में यह पाया गया है कि कि जब भी हम कही खड़े हो कर भाषण देते हैं तो उसमें 57 प्रतिशत हमारी बॉडी लैंग्वेज काम करती है, 38 प्रतिशत हमारी आवाज का महत्व होता है और बोले जाने वाली सामग्री का महत्व सिर्फ 7 प्रतिशत होता है।



            प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित आर्थर शैरी ने कार्यशाला में कहा की हमें अपनी बात प्रभावशाली ढंग से कहने के लिए उसे छोटे- छोटे प्रसंगों या छोटी कहानियों के रुप में कहना चाहिए। यह कहा जाता है कि रोम एक दिन में नही बना था किन्तु मैं कहता हूं कि रोम हर दिन बन रहा है। लगातार भाषण देने के अभ्यास से हम और बेहतर होते जाते हैं। अच्छा वक्ता बनने के लिए लगातार अध्ययन और अभ्यास करते रहना चाहिए। हमें अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए लगातार कोशिश करते रहना चाहिए कभी भी हार नहीं मानना चाहिए।



      पहली बार छत्तीसगढ़ आए आर्थर शैरी नेशनल स्पीकिंग कोच, मेन्टर, ग्लोबल प्रोफेशनल स्पीकर, जोश टॉक स्पीकर, टेडएक्स स्पीकर तथा कारपोर्ट ट्रेनर है। उन्होंने कहा कि जिन्दगी हमें हमेशा सीखाती है। यदि हम सीखना बंद करते हैं तो हमारा जीना भी रुक सा जाता है। हमें अपने जीवन में हमेशा ही सीखते रहना चाहिए। अपनी रुचि के विषय के कौशल को विकसित करते रहना चाहिए। उन्होंने आवाज को बेहतर करने के लिए सांस लेने की तरीके तथा जुबान, चेहरे और आंखों के व्यायाम के बारे में जानकारी दी। इस कार्यशाला में लगभग 50 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया जिन्हें प्रमाणपत्र भी दिए गए।

    आर.एस. आजमानीसी.एस. बाजवा, एम.एस. सलूजालखिन्दर सिंह चावलाके.एस. झांसजी.एस. राजपाल, टी.एस. जब्बल,विक्रमजीत सिंह,कुलदीप सिंह छाबड़ाअमोलक सिंहसुखबीर सिंह सिंघोत्राभूपिन्दर सिंहतेजपाल सिंह हंसपालश्रीमती रविन्दर कौर बॉम्बराश्रीमती पिंकी जब्बल और श्रीमती छाबड़ा श्रीमती देविन्दर कौर उपस्थित थी.

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