छत्तीसगढ़ सिक्ख ऑफिसर्स वेलफेयर एसोसियेशन के सेवा कार्यो ंसे प्रभावित हो कर
लायनेस श्रीमती कमलेश ने अपना भूखंड दान में दिया
लायनेस श्रीमती कमलेश चावला ने छत्तीसगढ
सिक्ख ऑफिसर्स वेलफेयर एसोसियेशन को संस्था के सरबत दा भला के उद्देश्य से किए जा
रहे सेवाभावी कार्यो के लिए ग्राम टेमरी में वीआईपी रोड पर एक भूखंड का दान दिया
है ताकि एसोसियेशन अपनी समाज हित की गतिविधियों को और बेहतर ढंग से संचालित कर
सके। पिछळे 6 सालों से कार्य कर रही संस्था की यह पहली संपत्ति है।
भूमि दान करने का क्या महत्व और प्रभाव होता है। इस बारे में हिंदू धर्म
में कहा गया है कि भूमि दान सबसे
पुण्यकारी दान होता है। ऐसा माना जाता है कि भूमि दान करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। इसका अर्थ है कि दान का फल अनंत काल तक मिलता
रहता है। शास्त्रों में कहा गया है कि जो व्यक्ति भूमि
दान करता है, वह सभी पापों से मुक्त हो जाता है और उसे मोक्ष
की प्राप्ति होती है।
भूमि दान का
सामाजिक महत्व के बारे में कहा जाता है कि भूमि दान
का समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। भूमि दान
से कई लाभ
होते हैं। इनमें गरीबों और जरूरतमंदों को आश्रय मिलता है। शिक्षा संस्थानों, अस्पतालों
और धर्मशालाओं जैसे सार्वजनिक संस्थानों के लिए भूमि उपलब्ध होती है। कृषि योग्य
भूमि दान करने से खाद्य उत्पादन में वृद्धि होती है। पर्यावरण संरक्षण में मदद
मिलती है।
भारतीय संपत्ति अन्तरण अधिनियम 1882 में दान करने की
प्रक्रिया का उल्लेख है इसके अन्तर्गत भूमि दान करने
से पहले कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना आवश्यक है। दान
स्वेच्छा से और बिना
किसी शर्त के किया जाना चाहिए। दान पंजीकृत
संस्था या विश्वसनीय व्यक्ति को किया जाना चाहिए। भूमि
दान एक पुण्यकारी कार्य है जिसके धार्मिक
और सामाजिक दोनों रूप से महत्वपूर्ण लाभ होते हैं। यदि कोई अपनी
क्षमतानुसार भूमि दान करता है तो वह निश्चित रूप से दुनिया
और स्वयं के लिए एक नेक कार्य करता हैं।